आप भी छोड़िये... मगर खाली नहीं

Wednesday, 29 December 2010

माँ की रसोई

टूटी प्यालियाँ
चटकी थालियाँ
मिटटी का चूल्हा
और माँ की रसोई

अंगारों में झुलसी
काली अंगुलियाँ,
छाती से लिपटी
छोटी बहनिया
सावन के झूलों सी
घुटने की थपकियाँ
सिलबट्टे का नमक
करारी रोटियां
और माँ की रसोई

गोबर से लेपि
चारों दिवारिया
चुने से पोती
ईंटों की क्यारियां
गेंदे की फुलवारी
आंगन घिसती माँ
और पीठ की सवारी
घिसी हथेलियाँ
फटी एड़ियाँ
और माँ की रसोई

पुराने काले संदूक की
हजारों पहेलियाँ
जंगल के बाघों की
दसियों कहानियां
गोदी का बिस्तर
महकता आँचल
गंधैली रजाईयां .....
और माँ की रसोई