हम राज़ छुपाए बैठे है
वो घात लगाए बैठे है
उम्मीद मे दोनो की दम है
हम शमा बुझाए बैठे है
वो आग लगाए बैठे है...
उस तंत्र के देखो चर्चे है
चौखट पर नींबू मिर्चे है
चौराहे पर जलते दिए देखो
खुशियों के कितने खर्चे है
हर ओझा हार गया देखो
कैसी हाय लगाए बैठे है
हम राज़ छुपाए बैठे है
वो घात लगाए बैठे है