पिचकारी
शब्दों की
आप भी छोड़िये... मगर खाली नहीं
Sunday, 10 April 2011
रोटी मिल गयी
खुश
रहो
सरकार
रोटी
मिल
गयी
आधी
खाई
आधी
सिहाने
रख
दी
रोटी
मिल
गयी
कुत्ते
भी
भूखे
हम
भी
भूखे
हम
एक
थे
वो
चार
झपट
वो
भी
झपटे
हम
भी
रोटी
मिल
गयी
अब
चाँद
भी
दिखा
ईद
भी
मानेगी
रोटी
मिल
गयी
ओह
राम
भी
आ
गए
याद
रोटी
मिल
गयी
खुश
रहो
सरकार
रोटी मिल गयी...
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